Mangal Bhat Pooja Ujjain

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Mangal Bhat Pooja Ujjain (मंगल भात पूजा )



क्या है मंगल भात पूजा और क्या इसे उज्जैन में करवाने से फायदा है। उज्जैन में सबसे सही तरीके से कौन करवाता है भात पूजा यह सब सवालों को जानेंगे आज के इस आर्टिकल में। तो अगर आपको जानना है मंगल भात पूजा या आप करवाने का सोच रहे हो तो आपको यह आर्टिकल पूरा पड़ना चाहिए।

क्या है मंगल भात पूजा

जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह, लग्न से लग्न में (प्रथम), चतुर्थ, सप्तम, अष्टम, और द्वादश भावों में कहीं भी स्तिथ हो, तो उसको मांगलिक कहा जाता है। ऐसा माना जाता है की मांगलिक की शादी करने से पहले यह पूजा की जाती है। 

शास्त्रों, पुराणों और वेदों में भी मंगल गृह को युद्ध और शौर्य का देवता माना गया है, साथ ही ऐसा माना जाता है की यह गृह अपने आप में पूर्ण और सक्षम है, साथ ही अगर कोई व्यक्ति निर्भयता और क्रोधी है तो यह मांगलिक होने की विशेष निशानी है। इसके अलावा कौन व्यक्ति मांगलिक है इसका निर्धारण ऊपर बताए गए कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश घर में होने से निर्धारित किया जाता है।

इसके प्रभाव कई बार विवाह में विलम्ब होना, या होने के पश्चात रिश्तों में दरार आना इत्यादि इसके सामान्य लक्षण है, और इन्ही प्रकार की समस्याओं के कारण इसको मंगल दोष कहा जाता है। 

उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर मंगलनाथ पर मंगल भात की पूजा की जाती है जो की मंगल गृह के प्रभाव को सकारात्मक तरीके से शांत करने में काम आती है, और यही पूजा मंगल भात पूजा कहलाती है। और ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें भगवान मंगल नाथ जी को भात से श्रृंगारित और पूजित किया जाता है, और यह पूजा केवल उज्जैन के मंगलनाथ में ही की जाती है।

मंगल भात पूजा उज्जैन में ही क्यों?

मंगलभात पूजा को उज्जैन में करने का बहुत महत्व है। ऐसा इसलिए क्योंकि उज्जैन को मंगल दायक तीर्थ स्थल कहा गया है, यहां की पावन धरती पर की गई पूजा विशेष फलदायक होती है, और साथ ही मंगलनाथ मंदिर अपनी विशेष भौगोलिक स्थिति के कारण विशिष्ट लाभदायी है। 

उज्जैन भगवान मंगल की जन्मस्थली भी है इसलिए यहां पर की गई पूजा को भगवान मंगल विशेष सम्मान देते है, इसके साथ ही अगर कोई भी व्यक्ति मात्र अपने कल्याण के लिए उज्जैन में मंगल भात पूजा अपने मंगल दोष निवारण के लिए करवाता है उसके संपूर्ण कार्य सकारात्मक ढंग से होने लगते है। 

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कैसे करते है भात पूजा 

भात पूजा में सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश जी और माता पार्वती जी का पूजन किया जाता है, तत्पश्चात् नवगृह पूजन किया जाता है, नवग्रह पूजन के बाद कलश पूजन एवम् शिवलिंग रूप भगवान का पंचामृत पूजन एवं अभिषेक वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा किया जाता है। इस सभी प्रक्रिया के पश्चात पूर्ण श्रद्धा से भगवान को भात अर्पित करके उनका पूजन किया जाता है। इसके पश्चात विधिवत रूप से भात पूजन, अभिषेक, और मंगल जाप के बाद आरती उतारी जाती है। 

कहा करते है भात पूजन 

मंगल भात पूजा मंगल दोष निवारण के लिए किया जाता है। मंगलदेव की उत्पत्ति धरती माता से हुई थी। शास्त्रों के अनुसार मंगलदेव का जन्म मध्यप्रदेश के अवंतिका नगरी अर्थात् उज्जैन में हुआ था। मंगलदेव के जन्मस्थान को मंगलनाथ कहा जाता है। यही पर विश्व का एक मात्र मंगल ग्रह का मंदिर है। इसके साथ ही ऐसा माना जाता है की इसी एकमात्र जगह पर सीधे मंगल गृह की किरणे आती है, और इसी स्थान से कर्क रेखा भी गुजरती है। कर्क रेखा से ये किरणे मंगल गृह के प्रतीक स्वयंभू शिवलिंग पर पड़ती है।

मंगल भात पूजा करवाने के लिए मंगलनाथ मंदिर तक कैसे पहुंचे 

मंगल भात पूजा करवाने के लिए आपको उज्जैन शहर आना होगा। यहां पर आप किसी भी प्रकार से आ सकते है, आप बस ट्रेन, हवाई जहाज की मदद से भी आ सकते है। यदि आप बस से आ रहे है तो आपको उज्जैन के लिए डायरेक्ट बस की सुविधा मिल सकती है। इसके साथ है यहां पर आप ट्रेन से भी आ सकते है। लेकिन अगर आप उज्जैन हवाईजहाज से आना चाहते है तो आपको इसके लिए देवी अहिल्याबाई एयरपोर्ट यानी की इंदौर आना होगा। इंदौर से उज्जैन मात्र 55KM की दूरी पर है। यहां से आप बस की मदद से उज्जैन आ सकते है। 

उज्जैन आने के पश्चात आपको बस स्टैंड या रेलवे स्टैंड से ऑटो रिक्शा मिल जाएगा। यहां से मंदिर की दूरी मात्र 6km है। यहा से आप मात्र 20 मिनट में मंदिर पहुंच सकते है। 

मंगल भात पूजा को किससे करवाना चाहिए

वैसे तो उज्जैन और बाहर भी कई सारे पंडित है जो यह पूजा करवाते है, लेकिन आपको पूजा करवाने से पहले कुछ चीजों का मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए। इनमे से सबसे मुख्य बात यह है की पंडित जी मंशाहारी ना और मदिरा इत्यादि का सेवन ना करते है। एक मात्र इस चीज का आप ध्यान रखे साथ ही यह भी सुनिश्चित करे की पंडित जी साफ सफाई का ध्यान रखते है या नही, और किसी प्रकांड और वेदों का ज्ञान हो उन्हीं से यह पूजा संपन्न करवाए। 

पंडित संजय गोस्वामी जी को वेदों का अच्छा ज्ञान है और इनको 7 वर्षो से अधिक समय हो चुका है। यह पूर्णतः शाकाहारी है। इनके बारे में पड़ने के लिए यहां क्लिक करे

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